8/05/2007

फ्रेंड का दिन है यानी फ्रेंडशिप डे

फ्रेंड का दिन है यानी फ्रेंडशिप डे . बीते दिन को याद करता हूँ तो पता चलता है कि जीवन के हर मोड़ पर दोस्त की जरुरत होती है। यह अलग मामला है कि अधिकतर दोस्ती स्वार्थ के धरातल पर टिकी होती है। पुरानी कहावत है, पूरी जिन्दगी में एक दोस्त मिल जाये तो जीवन सफल समझो। पर आज सच्चे दोस्त कहॉ और दोस्ती कहॉ।
स्वार्थपरक और मतलबी दुनिया में स्वार्थ पूरा होने पर आज के तथाकथित दोस्त जान के दुसमन बन जाते हैं। मेरे दिल्ली आने पर जामिया और भारती भवन में अध्धयन के दौरान कई दोस्त बने। पत्रकारिता और शांति स्थापना से सबंधित कोर्स के दौरान भी दोस्त बने। बिहार, झारखण्ड, बंगाल, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छ्ग, आंध्र सहित सभी पूर्वोत्तर राज्यों में दोस्त हैं। कुछ अच्छे दोस्त हैं, कुछ गाहे-बगाहे याद भी करते हैं। विपरीत परिस्थिति में सहायता करने का लिए भी तैयार होते हैं।
इसी धरती पर ऐसे भी दोस्त मिले जो अपना स्वार्थ पूरा होने पर बेहतर दोस्ती का दामन छोड़ देखकर मुहँ टेडा करने को अपनी शान समझते हैं।पीठ पीछे मजाक उड़ाने में भी नहीं चुकते। बंधुओं, यह दुनिया ऎसी हैं।

3 comments:

Anonymous said...
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Divine India said...

इससे अच्छा और क्या कहा जा सकता है मित्र के लिए… बहुत खुब!!

Udan Tashtari said...

बहुत बढ़िया.