8/13/2008

मैथिली में ई-पेपर

ब्लॉग के जरिए जिस प्रकार हिंदी को ऑनलाइन बढ़ावा मिल रहा है, ठीक उसी तेजी से कई आंचलिक भाषाएं भी ब्लॉग जगत में कदम बढ़ा रही हैं। इसी प्रयास में बिहार की राजधानी पटना में कुछ महिलाएं मैथिली को ऑनलाइन बढ़ावा देने में जुटी हुई हैं। यहां की कुछ महिलाएं मैथिली का पहला ई-समाचार पत्र ''समाद'' ऑनलाइन प्रकाशित कर रही हैं।
वर्डप्रेस डॉट कॉम के सहयोग से 'समाद' को निकाला जा रहा है। इस ऑनलाइन समाचार पत्र को ब्लॉग की शक्ल में निकालकर ये महिलाएं एक अलग प्रयोग कर रही हैं। खास बात यह है कि इस ऑनलाइन समाचार पत्र को निकालने वाली छह महिलाओं का पत्रकारिता जगत से कोई संबंध नहीं है।
यहां पर पाठकों के लिए बिहार से जुड़ी तमाम खबरें मौजूद हैं। 'समाद' का मैथिली में अर्थ होता है संदेश। इस खास तरह के समाचार पत्र रूपी ब्लॉग की संचालक महिलाओं का कहना है कि इसके जरिए वे बिहार की एक अलग छवि लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं।
ऐसी कई खबरें, जिसे समाचार पत्र या चैनलों पर नहीं देखा जा सकता है, उसे आप 'समाद' में पढ़ सकते हैं। मसलन, बिहार के मधुबनी जिले के ककरौल गांव में पांच इंटरनेट कैफे किस प्रकार यहां के युवाओं में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाने का प्रयास कर रहे है, इस संबंध में यहां एक खास रिपोर्ट है ।
विश्व में मैथिली भाषी लोगों की संख्या लगभग तीन करोड़ है। हालांकि, 'समाद' के अलावा भी मैथिली में कई ब्लॉग सक्रिय हैं, जहां साहित्य संबंधी ढेर सारी पोस्ट पढ़ने को मिल जाएगी, लेकिन समाद उन ब्लॉगों से भिन्न है। यहां ब्लॉग को समाचार पत्र के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। 'बेटा' संस्करण में होने के कारण यहां सामग्रियों को खास तरीके से पेश करने में सुविधा होती है।
'समाद' को कुमुद सिंह, प्रीतिलता मलिक, ममता शंकर, सुषमा और छवि नाम की महिलाएं चला रही हैं। इस ऑनलाइन समाचार पत्र को प्रकाशित करने में इन्हें 1100 रुपये प्रति माह खर्च करने पड़ते हैं।
साभार: अनुभव

8/04/2008

मोटा होना सबसे बड़ा गुनाह

मोटा होना सबसे बड़ा गुनाह

यदि आप मोटे हैं, तो आने वाले समय में जीना मुश्किल हो सकता है। अभी तो आप घर और आसपास मजाक का पात्र बनते थे लेकिन आने वाले समय में शायद ही हवाई यात्रा कर सकेंगे। एक एयरलाइन्स ने अभी तो मोटी एयर होस्टेस को नौकरी पर नही रखने का ऐलान किया है। वही एयर एशिया एक्स ने मोटे यात्रियों से अधिक भाडा वसूलने का फ़ैसला लिया है।

इंग्लैंड से छपने वाले अख़बार 'दी सन' ने ख़बर दी है की मलेशिया की कंपनी एयर एशिया एक्स भाडा बढ़ने को लेकर विचार कर रहा है। कंपनी का मानना है की तेल के दामों में वृद्धि होने के कारण ऐसा फ़ैसला लिया जा रहा है। अभी यात्रियों के साथ-साथ हवाई जहाज का वजन का लगातार आंकलन किया जा रहा है। कंपनी के जेनरल मैनेजर डारेन राइट ने बताया कि पूरी तरह आंकलन के बाद ही इस मामले में फ़ैसला लिया जाएगा। कंपनी का मानना है कि तेल के दाम में मार्च तक दो सौ अमरीकी डालर प्रति बैरल होने से एयर लाइन्स का खर्चा बढ़ जाएगा।

यहाँ मामला मोटे लोगों से अधिक भाडा वसूलने का नही है, बल्कि अपने शरीर का ख्याल रखने का है। आज की दुनिया जहाँ काफी प्रोफेशनल हो गयी है, वहां आपकी दिक्कतों को समझने वाला कोई नही है। बिजनेश सिर्फ़ बिजनेश होता है। यहाँ न कोई हमदर्दी न ही कोई मोह-माया। आपको हर समय ख़ुद के प्रति सचेत रहना होगा। न सिर्फ़ करियर को लेकर बल्कि ख़ुद के प्रति यानि शरीर को लेकर भी।

8/01/2008

भारत के न्यूक्लिअर रियेक्टर का होगा निरीक्षण

भारत के न्यूक्लिअर रियेक्टर का होगा निरीक्षण

माने या न माने जल्द ही भारत के न्यूक्लियर रिएक्टरों की जाँच अमरीकी न्यूक्लियर जाँच एजेंसी करेगी। इस के बाद भारत एटमी डील के और नजदीक हो जाएगा। इस मामले को लेकर washsingtan पोस्ट में विस्तृत ख़बर छपी है.

India moves a step closer to US nuclear pact
» Links to this article The Associated Press Friday, August 1, 2008; 10:23 AM
VIENNA, Austria -- The U.N. nuclear watchdog adopted a plan Friday for inspecting India's nuclear reactors, moving the country one step closer to a landmark nuclear deal with the United States.
The safeguards agreement approved by the International Atomic Energy Agency's 35-member board will effectively allow U.N. monitors access to 14 existing or planned Indian nuclear reactors by 2014.
The inspections agreement was an essential step toward India finalizing a pact with the United States that would end more than three decades of nuclear isolation. The deal will open India's civilian reactors to international inspections in exchange for the nuclear fuel and technology it has been denied by its refusal to sign the Nuclear Nonproliferation Treaty and its testing of atomic weapons.
Without IAEA safeguards, India cannot import nuclear technology from the 45-nation Nuclear Suppliers Group, which includes the United States. India must now strike a separate agreement with the Nuclear Suppliers Group. The U.S. Congress will then need to approve the U.S.-India अच्कोर्द।The deal is seen as the cornerstone of a budding strategic partnership between the United States and India, which was officially neutral during the Cold War but had warm relations with the Soviet Union।

The IAEA board of governors approved the safeguards agreement by consensus despite criticism that ambiguous wording in the deal could end up limiting international oversight of India's reactors, undermine the international nonproliferation regime and possibly help supply its arms programs with fissile material.
Britain hailed passage of the agreement as a "significant contribution to energy and climate security, as well developmental and economic objectives for India and the international community."
It also said it represents a gain for the nonproliferation regime, echoing comments by Washington leading up to passage.
India first conducted a nuclear test explosion 34 years ago after it broke out of its foreign-supplied civilian program to develop atomic arms।

साभार - वॉशिंगटन post