8/20/2009

औरों जैसी ही है शिखा शर्मा

जब पूरा विश्व मंदी के दौर से जूझ रहा हो ऐसे में किसी कर्मचारी को दो करोड़ रुपए सालाना वेतन मिलना मायने रखता है। भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री हासिल करने वाली शिखा शर्मा को एक्सिस बैंक ने इस वेतन पर बतौर एमडी व सीईओ नियुक्त किया है। उसे वेतन के अलावा 51 लाख रुपए लोन की भी सुविधा के साथ शानदार घर, दफ्तर सहित तमाम सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। बीए करने के बाद नेशनल सेंटर फॉर साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, मुंबई से पीजी डिप्लोमा करने वाली शिखा पिछले 28 सालों से आईसीआईसीआई को सेवा दे रही थीं।
अधिक व्यस्त रहने के बावजूद उसे शायद ही लोगों ने कभी दवाब में देखा है। वह कूटनीतिक तौर से विचार करती है और उस पर अमल भी करती है जो नेतृत्व करने वाले लोगों में काफी कम देखने को मिलती है।

खूबसूरत साड़ियों की मालकिन शिखा रोमांटिक उपन्यास पढ़ना पसंद करती हैं और शास्त्रीय गायिका भी हैं। उनके साथ काम करने वाले लोगों का मानना है कि इतने अधिक व्यस्त रहने के बावजूद उसे शायद ही लोगों ने कभी दवाब में देखा है। वह कूटनीतिक तौर से विचार करती है और उस पर अमल भी करती है जो नेतृत्व करने वाले लोगों में काफी कम देखने को मिलती है। उसके साथ काम करने वाले मानते हैं कि वह बड़ी टीम को नेतृत्व देने में के साथ-साथ लोगों को मोटिवेट करने के सक्षम है। अपनी भारी व्यस्तताओं के कारण अपने मनपसंद उपन्यास पढ़ने में काफी कम समय दे पाती है क्योंकि वह अपने परिवार के साथ फिल्में देखना नहीं भूलतीं।
एक्सिस बैंक में उसकी नई भूमिका के कारण माना जा रहा है कि खाली समय मिलने पर वह जहां भारतीय शास्त्रीय संगीत की ओर लौटेगी, वहीं अपने एकमात्र बेटे-बेटी को गायन की शिक्षा भी देगी। शिखा कहती हैं, "मैं खुद पर विश्वास करती हूं। अनिवार्य तौर से खुद के लिए एक विजन होना चाहिए जो संस्थान के भी पार हो। मेरा हर कदम नई समझ के लिए खुला है जो पूरी तरह पारदर्शी है। हम ऐसी दुनिया में जी रहे हैं जहां लगातार बदलाव हो रहा है। मैं सोचती हूं कि ऐसे में सीखने का शौक, प्रयोग और रिस्क लेने की क्षमता ही सफलता दिला सकती है।' किसी भी कंपनी में इस ओहदे तक पहुंचने और बरकरार रखने के साथ काम के दवाब को लेकर कहती हैं कि अपने काम को प्राथमिकता देने के बावजूद अपने काम और परिवार के बीच सामंजस्य बनाए रखती है। यही कारण है कि छुट्टियां में जहां अपने परिवार के साथ पर्याप्त समय देती है जिससे वह खुद को रीचार्च करती है।
शिखा ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती है जहां सभी एक छत के नीचे प्यार और खुशी से रहते हैं। वह कहती हैं कि उसके पति भी सीईओ हैं लेकिन दोनों के इतने व्यस्त रहने के बावजूद हमलोग समय मिलने पर एक परिवार की तरह एक साथ समय बिताते हैं। उनका रवैया मेरे करियर को लेकर हमेशा सहयोगात्मक रहा है और वह हमेशा ही मेरे ताकत रहे हैं। शिखा के दिन की शुरुआत भी और महिलाओं की तरह होती है और वह सुबह का समय अपने परिवार के साथ बिताने में काफी सकून महसूस करती हैं। लेकिन आफिस आने से लेकर देर शाम घर पहुंचने तक कामों के बीच ही घिरी रहती है। वह बताती है कि घर के काम को लेकर भी जिम्मेदारी बंटी हुई है। यही कारण है कि अपने परिवार के साथ पर्याप्त समय गुजार पाने में सक्षम होती हैं।

1 comment:

Udan Tashtari said...

अच्छा लगा शिखा शर्मा जी के बारे में जानकर.