8/03/2010

अंधी का रोल करना चुनौती: श्रृति झा

अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई और थियेटर करते-करते कब सीरियल करने लगी, यह श्रृति को भी पता नहीं चला। ‘धूम मचाआ॓ धूम’, ‘जिया जले’, ‘ज्योति’ और ‘शौर्य और सुहानी’ जैसे सीरियलों में काम कर छोटे पर्दे के जरिए घर-घर में पहचानी जाने वाली श्रृति झा इन दिनों इमैजिन टीवी पर आ रहे सीरियल ‘रक्त संबंध’ में लीड भूमिका में है। इसमें वह आंखों की रोशनी खो चुकी ‘संध्या’ का रोल निभा रही है। श्रृति से विनीत की बात:-
-अंग्रेजी साहित्य की स्टूडेंट थी, एक्टिंग में कैसे आ गईं?
-स्कूल-कॉलेज में थियेटर किया करती थी। दिल्ली विश्वविघालय के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से जब ग्रेजुए शन कर रही थी तभी थियेटर ग्रुप ज्वाइन किया था। कॉलेज के ड्रामा सोसाइटी में शामिल हुई थी और ए क साल प्रेसिडेंट भी बनी थी। उस दौरान काफी थियेटर किया और इससे संबंधित वर्कशॉप में भाग भी लिया।
-आपका पैतृक घर कहां है, क्या और कोई सदस्य एक्टिंग के फील्ड में है?
-मेरा पैतृक घर बिहार के दरभंगा जिले के डरहार नामक गांव में है। पापा फर्स्ट फ्लाइट कोरियर में ए मडी (नेपाल) में हैं। परिवार का कोई भी सदस्य ए क्टिंग या फिल्म प्रोडक्शन की फील्ड में नहीं है।
-इस मुकाम तक पहुंचने में किस तरह संघर्ष किया?
-पूरे करियर में जहां तक पहुंची हूं, माता-पिता का पर्याप्त सहयोग रहा। कभी भी किसी काम के लिए मना नहीं किया। शुरूआत में थोड़ी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा लेकिन अब जब मुझे टीवी पर देखते हैं, तो सबको अच्छा लगता है।
-किन-किन सीरियलों में काम किया?
-‘धूम मचाआ॓ धूम’, ‘जिया जले’, ‘ज्योति’ और ‘शौर्य और सुहानी’ में अभिनय करने का अवसर मिला। सीरियल ‘जिया जले’ और ‘शौर्य और सुहानी’ में लीड रोल था।
-इमैजिन टीवी पर आने वाले सीरियल ‘रक्त संबंध’ में किस तरह का रोल है?
-‘रक्त संबंध’ में अंधी लड़की ‘संध्या’ का रोल कर रही हूं। वह पांच बहनों में सबसे छोटी है। उसकी शादी के दिन ही उसके पिता खुदकुशी कर लेते हैं और फिर पांचों बहनों का परिवार भी है।
-एक अंधी लड़की का रोल करना कितना मुश्किल है?
-यह रोल करना खुद में चुनौती थी लेकिन मैंने इसी स्वीकारा। इससे पहले भी मैंने मेंटली अनसाउंड का किरदार भी निभाया है। ‘संध्या’ की आ॓र से देखें तो आंखों में रोशनी नहीं होने के कारण उनके लिए हर चीज खूबसूरत है। वह अपने दायरे में सुंदरता को परिभाषित करती है।
-इस सीरियल में और कौन-कौन हैं?
-इसमें मेरे अलावा, किटी कृष्णमूर्ति, सायंतनी घोष, गुनगुन, भार्गवी चिरमूले, सोनाली निकम, मोहन अगाशे, सचिन श्राफ, ध्रुव भंडारी आदि हैं।
-भविष्य में किस तरह का काम करना पसंद करेंगी?
-जहां काम मिलेगा, अच्छा काम मिलेगा, वह जरूर करूंगी।
-क्या-क्या शौक हैं आपके?
-पढ़ने का शौक है, फिल्में भी देखती हूं। क्लासिक और ऑटोबायोग्राफी पढ़ना काफी पसंद है। अमिताभ घोष की किताबें मुझे काफी अच्छी लगती हैं। आजकल अबरार अल्वी की ‘टेन ईयर वीथ गुरूदत्त’ पढ़ रही हूं।
-किसी से रिलेशन में हैं?
-मुझे अकेले रहना अच्छा लगता है और संघर्ष करना भी। फिलहाल मैं किसी के साथ कोई ‘रिलेशन’ में नहीं हूं।

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