tag:blogger.com,1999:blog-4607498396944543941.post1135215858731603772..comments2024-01-25T20:30:02.455+06:30Comments on Dr. Vinit Utpal: भानुमति का पिटारा ई-साहित्यविनीत उत्पलhttp://www.blogger.com/profile/10187277796958778493noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-4607498396944543941.post-64475903483828336762010-12-25T07:02:57.976+06:302010-12-25T07:02:57.976+06:30भाईजी, इसमें एक और नाम सृजनगाथा का भी होना चाहिए.....भाईजी, इसमें एक और नाम सृजनगाथा का भी होना चाहिए... उदारता दिखायेंगे तो... www.srijangatha.com जो पिछले पाँच साल से नेट पर है...सृजनगाथाhttps://www.blogger.com/profile/09126439425427435270noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4607498396944543941.post-29765468807255392752010-11-11T19:20:46.705+06:302010-11-11T19:20:46.705+06:30मुझे आप को यह बताते हुई बहुत खुशी हो रही है कि अपन...मुझे आप को यह बताते हुई बहुत खुशी हो रही है कि अपनी तरह का ये एक मात्र पहला आयोजन रहा जिसमें सिर्फ़ १० दिनों के दरम्यान ही ४० से ज़्यादा कवि /कवियात्रियों की करीब २०० रचनाओं सहित १२०० रिप्लाइस पाए गये| ऐतिहासिक सफलता को वरण कर चुका यह आयोजन आपकी कही बात को सही साबित करता है|<br /><br />मैं आप से सहमत हूँ, आज इंटरनेट हिन्दी साहित्य के उत्थान में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है|<br /><br />आपसे प्रार्थना है, आगे भी इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारियों को ज़रूर साझा करें|www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4607498396944543941.post-42565243094488563432010-11-11T19:20:22.799+06:302010-11-11T19:20:22.799+06:30ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम पर अभी अभी एक महा इवेंट क...ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम पर अभी अभी एक महा इवेंट के आयोजन का समापन हुआ है| इस आयोजन के कुछ मुख्य उद्देश्य इस प्रकार थे:<br /><br />स्थापित रचनाधर्मियों का सम्मान<br />उदीयमान और अधविच में पड़े रचनाकरों का उत्साह वर्धन<br />किसी एक विषय पर साहित्य की अनेकानेक विधाओं में मौलिक लेखन की प्रस्तुति <br />लुप्तप्राय: छंदों के बारे में चर्चा<br />सीखने / सिखाने का दौरwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4607498396944543941.post-29861905162389567212010-11-11T19:19:35.611+06:302010-11-11T19:19:35.611+06:30भाई विनीत उत्पल जी बहुत बहुत धन्यवाद एक अछूते [अमू...भाई विनीत उत्पल जी बहुत बहुत धन्यवाद एक अछूते [अमूमन] विषय पर कलम उठाने के लिए| आपके द्वारा लिखी कई बातें यथार्थ हैं| आपने सही लिखा है स्वमुग्धता के बारे में| मैं स्वयं सब कुछ नहीं जानता फिर भी वर्तमान हालातों पर आपकी पैनी नज़र की दाद देनी होगी|<br /><br />मैं अपनी तरफ से एक छोटी सी बात जोड़ना चाहूँगा| आप भी इसी बात को किसी न किसी रूप में विवेचित कर चके हैं अपने इस आलेख में|www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4607498396944543941.post-87877830148519960912010-11-11T19:17:18.012+06:302010-11-11T19:17:18.012+06:30भाई विनीत उत्पल जी बहुत बहुत धन्यवाद एक अछूते [अमू...भाई विनीत उत्पल जी बहुत बहुत धन्यवाद एक अछूते [अमूमन] विषय पर कलम उठाने के लिए| आपके द्वारा लिखी कई बातें यथार्थ हैं| आपने सही लिखा है स्वमुग्धता के बारे में| मैं स्वयं सब कुछ नहीं जानता फिर भी वर्तमान हालातों पर आपकी पैनी नज़र की दाद देनी होगी|<br /><br />मैं अपनी तरफ से एक छोटी सी बात जोड़ना चाहूँगा| आप भी इसी बात को किसी न किसी रूप में विवेचित कर चके हैं अपने इस आलेख में|<br /><br />ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम पर अभी अभी एक महा इवेंट के आयोजन का समापन हुआ है| इस आयोजन के कुछ मुख्य उद्देश्य इस प्रकार थे:<br /><br />स्थापित रचनाधर्मियों का सम्मान<br />उदीयमान और अधविच में पड़े रचनाकरों का उत्साह वर्धन<br />किसी एक विषय पर साहित्य की अनेकानेक विधाओं में मौलिक लेखन की प्रस्तुति <br />लुप्तप्राय: छंदों के बारे में चर्चा<br />सीखने / सिखाने का दौर<br /><br />मुझे आप को यह बताते हुई बहुत खुशी हो रही है कि अपनी तरह का ये एक मात्र पहला आयोजन रहा जिसमें सिर्फ़ १० दिनों के दरम्यान ही ४० से ज़्यादा कवि /कवियात्रियों की करीब २०० रचनाओं सहित १२०० रिप्लाइस पाए गये| ऐतिहासिक सफलता को वरण कर चुका यह आयोजन आपकी कही बात को सही साबित करता है|<br /><br />मैं आप से सहमत हूँ, आज इंटरनेट हिन्दी साहित्य के उत्थान में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है|<br /><br />आपसे प्रार्थना है, आगे भी इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारियों को ज़रूर साझा करें|www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4607498396944543941.post-46434132463312285342010-11-11T19:16:07.621+06:302010-11-11T19:16:07.621+06:30भाई विनीत उत्पल जी बहुत बहुत धन्यवाद एक अछूते [अमू...भाई विनीत उत्पल जी बहुत बहुत धन्यवाद एक अछूते [अमूमन] विषय पर कलम उठाने के लिए| आपके द्वारा लिखी कई बातें यथार्थ हैं| आपने सही लिखा है स्वमुग्धता के बारे में| मैं स्वयं सब कुछ नहीं जानता फिर भी वर्तमान हालातों पर आपकी पैनी नज़र की दाद देनी होगी|<br /><br />मैं अपनी तरफ से एक छोटी सी बात जोड़ना चाहूँगा| आप भी इसी बात को किसी न किसी रूप में विवेचित कर चके हैं अपने इस आलेख में|<br /><br />ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम पर अभी अभी एक महा इवेंट के आयोजन का समापन हुआ है| इस आयोजन के कुछ मुख्य उद्देश्य इस प्रकार थे:<br /><br />स्थापित रचनाधर्मियों का सम्मान<br />उदीयमान और अधविच में पड़े रचनाकरों का उत्साह वर्धन<br />किसी एक विषय पर साहित्य की अनेकानेक विधाओं में मौलिक लेखन की प्रस्तुति <br />लुप्तप्राय: छंदों के बारे में चर्चा<br />सीखने / सिखाने का दौर<br /><br />मुझे आप को यह बताते हुई बहुत खुशी हो रही है कि अपनी तरह का ये एक मात्र पहला आयोजन रहा जिसमें सिर्फ़ १० दिनों के दरम्यान ही ४० से ज़्यादा कवि /कवियात्रियों की करीब २०० रचनाओं सहित १२०० रिप्लाइस पाए गये| ऐतिहासिक सफलता को वरण कर चुका यह आयोजन आपकी कही बात को सही साबित करता है|<br /><br />मैं आप से सहमत हूँ, आज इंटरनेट हिन्दी साहित्य के उत्थान में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है|<br /><br />आपसे प्रार्थना है, आगे भी इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारियों को ज़रूर साझा करें|www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4607498396944543941.post-76316036508782360172010-11-11T18:44:54.494+06:302010-11-11T18:44:54.494+06:30मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालने वाला एक सवाल मेरी ...मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालने वाला एक सवाल मेरी तरफ से भी है, १०० से ज्यादा फोलोवर होना भी तो गारंटी नहीं कि कंटेंट अच्छा होगा| <br /><br />वैसे अगर अच्छा है , नहीं है तो भी मुझे कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, जब तक ब्लॉग पढने के पैसे न देने पड़ें|<br /><br />वैसे जो भी लिंक आपने यहाँ पर दिए हैं , वे जरूर सहेजे जाने लायक हैं , बहुत धन्यवाद|Neerajhttps://www.blogger.com/profile/11989753569572980410noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4607498396944543941.post-11415095288806232632010-11-10T23:53:13.979+06:302010-11-10T23:53:13.979+06:30वर्चुयल स्पेस की एक अलग तस्वीर से रूबरू कराने का श...वर्चुयल स्पेस की एक अलग तस्वीर से रूबरू कराने का शुक्रिया विनीत जीAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4607498396944543941.post-22496688758764453402010-11-10T19:15:48.295+06:302010-11-10T19:15:48.295+06:30नेट साहित्य पर एक सारगर्भित और सामयिक आलेख के लिए ...नेट साहित्य पर एक सारगर्भित और सामयिक आलेख के लिए बधाई विनीत जीअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.com